Make in India 2.0 Yojana की शुरुआत, देखे इसका उद्देश्य, लाभ, विशेषताएं |

Make In India 2.0 Yojana – देश के प्रधानमंत्री के द्वारा 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है | मेक इन इंडिया योजना को शुरू करने का मुख्य उद्देश्य है भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाना | अभी हाल ही में फरवरी 2021 में सरकार ने मेक इन इंडिया 2.0 कार्यक्रम का चरण जारी किया है | यहाँ Make In India Yojana की सम्पूर्ण जानकारी को देख सकते है |

सरकार मेक इन इंडिया 2.0 में कुल 27 क्षेत्रों को शामिल किया है | Make In India को लागू करने के पीछे सरकार की इच्छ रही है की नवाचार को बढ़ावा देना, सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण करना, व्यापार करना आसान बनाना और कौशल विकास को बढ़ावा देना आदि है | उद्योग के विभिन्न क्षेत्र में विश्व स्तर पर भारत की भूमिका को बढ़ाना है | इस योजना के तहत देश में रोजगार के साथ देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना है |

मेक इन इंडिया क्या है ?

केंद्र सरकार के द्वारा मेक इन इंडिया के तहत देश में निर्माण क्षेत्र यानि देश में द्यमशीलता को बढ़ावा देना है | देश में निवेश के लिए अनुकूल माहौल बनाना, आधुनिक और कुशल बुनियादी संरचना, विदेशी निवेश के लिए नये क्षेत्रों को खोलना और सरकार व उद्योग की साझेदारी को बढ़ाना है |


Make In India 2.0 Yojana

 भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए सरकार के द्वारा नया कदम उठाया गया है | देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए और नई तकनीकी के साथ देश में नए उद्योगो को स्थापित करने के लिए यह महत्वपूर्ण योजना है | इस योजन के तहत किसी भी क्षेत्र का उद्योग आसानी से स्थापित कर सकता है | उस उद्योग को विश्व पटल पर भारतीय पहचान देने के लिए मेक इन इंडिया मुख्य भूमिका निभाता है |

Make in India 2.0 Yojana अवलोकन

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Make in India 2.0 की शुरुआत

केंद्र सरकार ने 3 फरवरी 2021 में Make in India 2.0 की शुरुआत की है | मेक इन इंडिया के इस दूसरे चरण में कुल 27 क्षेत्र रखे गए है | मेक इन इंडिया के पहले चरण की बात करे सरकार ने 2014 – 20 तक देश को 358.30 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ है, जो पिछले 20 साल का आधा है | वही भारत ने 2019 – 20 के एक साल में 74.39 बिलियन अमेरिकी डॉलर एफडीआई प्राप्त किया है जो 2014 – 15 में 45.15 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा था | यह Make in India की ताकत है | इस लिए सरकर ने Make in India 2.0 की शुरुआत की है |

Make in India 2.0 में 27 क्षेत्रों के नाम

  • एयरोस्पेस और रक्षा |
  • ऑटोमोटिव और ऑटो घटक |
  • फार्मास्यूटिकल्स और चिकित्सा उपकरण |
  • जैव-प्रौद्योगिकी |
  • पूंजीगत माल |
  • वस्त्र एवं परिधान |
  • रसायन और पेट्रो रसायन |
  • इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ईएसडीएम) |
  • चमड़ा एवं जूते |
  • खाद्य प्रसंस्करण |
  • रत्न एवं आभूषण |
  • शिपिंग |
  • रेलवे निर्माण |
  • नवीन एवं नवीकरणीय |
  • सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी समर्थित सेवाएँ (आईटी एवं आईटीईएस) |
  • पर्यटन और आतिथ्य सेवाएँ |
  • मेडिकल वैल्यू ट्रैवल |
  • परिवहन और रसद सेवाएँ |
  • लेखा और वित्त सेवाएँ |
  • ऑडियो विजुअल सेवाएँ |
  • कानूनी सेवाओं |
  • संचार सेवाएँ |
  • निर्माण और संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएँ |
  • पर्यावरण सेवा |
  • वित्तीय सेवाएं |
  • शिक्षा सेवाएँ |

Make in India का उद्देश्य

मेक इन इंडिया के तहत निवेश एवं नवाचार को बढ़ावा दिया जाएगा, बौद्धिक संपदा की रक्षा करने के साथ देश में विश्व स्तरीय विनिर्माण बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा तथा इसके अलावा भारत में दूसरे देशों की उद्योगिक कंपनियों निवेश प्रक्रिया को आसान किया जाएगा | इसके विभिन्न उद्देश्य है –

  1. देश में निर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर में प्रति वर्ष 12-14% वृद्धि करने का उद्देश्य रखा गया है |
  2. देश में सकल घरेलू उत्पाद में विनिर्माण की हिस्सेदारी में 16% से 25% तक की वृद्धि को दर्ज करना है |
  3. देश के ग्रामीण प्रवासियों और शहरी गरीबों के बीच उचित कौशल का निर्माण करना है, ताकि देश को गरीबी से निकाल जा सके, विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध हो सके |
  4. भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक प्रतिस्पर्धा बढ़ाना देना है, इन क्षेत्रों को विश्व स्तर के बाजार तक पहुँच को बनाना है |

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मेक इन इंडिया से संबधित प्रश्न
केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम को कब लागू किया है ?
केंद्र सरकार ने 25 सितंबर 2014 को मेक इन इंडिया कार्यक्रम की शुरुआत की है |
मेक इन इंडिया क्या है ?
देश में मेक इन इंडिया के द्वारा उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है, इसके साथ विभिन्न क्षेत्रों में नए उद्योग को स्थापित करने में आसानी बरतना है | विश्व स्तर पर भारतीय उद्योग को बाजार उपलब्ध कराना है |
मेक इन इंडिया 2.0 की शुरुआत कब हुई ?
केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया 2.0 की शुरुआत 3 फरवरी 2021 में की थी |
मेक इन इंडिया 2.0 में कुल कितने क्षेत्रों को रखा है ?
केंद्र सरकार ने मेक इन इंडिया 1.0 में कुल 25 क्षेत्र रखते थे जो मेक इन इंडिया 2.0 में बढ़ा कर कुल 27 क्षेत्र को रखा है |

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