Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission – भारत सरकार ने ग्रामीण बस्तियों में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, बुनियादी सेवाओं को बढ़ाना के लिए श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन को शुरू किया गया है | इस मिशन में केंद्र सरकार की 60% भागीदारी है, बाकी 40% राज्य सरकार की है | इस मिशन के तहत रूर्बन क्लस्टरों का निर्माण करने के लिए Offline आवेदन किया जाएगा | यहाँ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की जानकारी को देख सकते है |
देश के ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्र के अनुसार विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन को आरंभ किया है | इसके तहत मूलभूत सुविधा के साथ जैसे – प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का उन्न्यन्, गाँवों के बीच सड़क सम्पर्कता, नागरिक सेवा केन्द्र, सार्वजनिक परिवहन, ए.पी.जी. गैस कनेक्शन आदि को विकसित किया जाएगा | इस प्रकार केंद्र सरकार कुल 300 ग्रामीण विकसित क्लस्टरों का निर्माण करेगी |
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन क्या है ?
केंद्र सरकार भारत के मैदानी, तटीय क्षेत्रों में 25,000/- से 50,000 आबादी और पहाड़ी, मरुस्थल या जनजाति क्षत्रों में 5,000/- से 15,000/- की आबादी वाले क्षेत्रों में श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन के तहत इन भोगोलिक रूप से पास के गांवों को एक क्लस्टर होगा | इस क्लस्टर के तहत उस क्षेत्र का आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, बुनियादी सेवाओं का बढ़ावा दिया जाएगा |
केंद्र सरकार ने 21 फरवरी 2016 को छत्तीसगढ़ से Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission (एसपीएमआरएम) की शुरुआत की है | इस मिशन के तहत केंद्र सरकार देश में पाँच साल में कुल 300 ग्रामीण क्लस्टर का निर्माण करेगी | इन ग्रामीण आबादी की गणना जनसंख्या 2011 के आधार पर होगी | इस मिशन में केंद्र सरकार 60% और राज्य सरकार 40% भागीदारी होगी |
Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission – अवलोकन
मिशन नाम | श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) |
मिशन शुरू हुआ | 21 फरवरी 2016 |
शुरू किए | केंद्र सरकार ने |
उद्देश्य | ग्रामीण क्षेत्र में क्लस्टरों को निर्माण करना |
लाभार्थी | कम आबादी वाले क्षेत्र |
सहायता | 15 से 30 करोड़ |
भागीदारी | केंद्र सरकार 60% और राज्य सरकार 40% |
आवेदन | Offline |
Official Website | https://rurban.gov.in/ |
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श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन का उद्देश्य
केंद्र सरकार के द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) की शुरुआत कर, देश के ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना, बुनियादी सेवाओं को बढ़ाना और सुनियोजित रूर्बन क्लस्टरों का निर्माण करना है | ग्रामीण सामुदायिक जीवन के सार को संरक्षित और पोषित करते हुए समानता और समावेशिता पर ध्यान केंद्रित करते हुए उन सुविधाओं से समझौता किए बिना जो अनिवार्य रूप से शहरी प्रकृति की मानी जाती हैं, इस प्रकार “रूर्बन गांवों” का एक समूह तैयार करना है | सामान्य भाषा में यह कह सकते है कि देश के ग्रामीण क्षेत्र को शहरी क्षेत्र के रूप में विकसित करना है |
Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission – महत्वपूर्ण जानकारी
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) की शुरुआत केंद्र सरकार के द्वारा फरवरी 2016 में की है |
- इस मिशन में राज्य सरकारों की 40% भागीदारी होगी, बाकी 60% केंद्र सरकार की होगी |
- इस प्रकार इस मिशन के तहत केंद्र सरकार देश में कुल 300 रुर्बन क्लस्टरों का विकास करेगी | इनमें 109 आदिवासी क्लस्टर और 191 गैर-आदिवासी क्लस्टर हैं |
- इन रुर्बन क्लस्टरों में ग्राम और क्षेत्र का Selection जनगणना 2011 के आधार पर किया जाएगा |
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) के तहत राजस्थान के 13 जिलों के 15 क्लस्टरों में क्रियान्वित किया जा रहे है | इन 15 क्लस्टरों में कुल 68 ग्राम पंचायत है |
- इस मिशन में मैदानी, तटीय क्षेत्र में अधिकतम 30 करोड़ और पहाड़ी, मरुस्थलीय क्षेत्र में 15 करोड़ व्यय किया जाएगा |
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) के घटक
केंद्र सरकार ने Shyama Prasad Mukherji Rurban Mission में Select होने वाले क्षेत्र में इन घटकों को देखते हुए विकास होगा –
- आर्थिक कार्य कलापों से संबंधित कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करना |
- कृषि सेवाएं और प्रसंस्करण करना |
- डिजिटल साक्षरता |
- हर समय (24’7) पाईप द्वारा जलापूर्ति करना |
- स्वच्छता रखना |
- ठोस एवं तरल अपशिष्ठ प्रबंधन करना |
- नालियों युक्त गाँव की गलियों की मौजूदगी |
- विलेज स्ट्रीट लाईट्स |
- स्वास्थ्य को रखना |
- प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों का उन्न्यन |
- गाँवों के बीच सड़क सम्पर्कता |
- नागरिक सेवा केन्द्र खोलना |
- सार्वजनिक परिवहन विकसित करना स |
- ए.पी.जी. गैस कनेक्शन रोजगार सृजन् एवं एस.एस.जी. गठन |
- पर्यावरण सुधार करना |
- सामाजिक कल्याण कार्य |
- स्पोर्टस इन्फ्रास्ट्रक्चर |
- पर्यटन् विकास करना |
- आवास निर्माण सामाजिक बुनियादी ढ़ाचा विकसित करना |
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन की पात्रता
केंद्र सरकार के द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) को शुरू किया है | इस मिशन में शामिल होने वाले ग्राम के लिए यह पात्रता होनी चाहिए –
- मैदानी और तटीय क्षेत्रों में लगभग 250,00 से 50,000 तक आबादी |
- रेगिस्तानी, पहाड़ी या आदिवासी क्षेत्रों में 5000 से 15000 की आबादी है |
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इस प्रकार केंद्र सरकार श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) में ग्रामो का चयन करेगी | अभी तक केंद्र सरकार के अनुसार 300 रुर्बन क्लस्टरों में से 298 रुर्बन क्लस्टरों की मंजूरी मिल चुकी है | इस मिशन में राजस्थान के अलवर , बांसवाडा , बाडमेर , भरतपुर , बीकानेर , डूंगरपुर , जयपुर , जालौर , जोधपुर , नागौर , उदयपुर , हनुमानगढ , प्रतापगढ़ आदि जिले शामिल है |